सहर अनोखी,भीनी भीनी खुशबु ले कर जागी बदरा गरजे, बिजली कड़की, पहली बरखा लगी झूम झूम कर मस्त हवा में पेड़ हुए मलंग साँस साँस में नशा नाश सा जैसे घोली भंग पाखी रंगते असमान को जैसे कई पतंग पूरब पश्चिम से मिल जाते बन कर तेज़ तरंग पैर मयूरा के थिरके भर कर उल्लास उमंग पंखों में गोपाल थिरकते, कई गोपियाँ संग कल तक जेठ सुलगता भट्टी, अब मौसम है फागी सहर अनोखी,भीनी भीनी खुशबु ले कर जागी उसकी नज़रों से बयां 17 वो, सहर #kavishala #hindinama #tassavuf #skand #vandy #her_eyes #elixer #mikyupikyu