सुनते ही नहीं हो तुम कभी मेरी बेतुकी बातों का जवाब हमेशा तैयार रखते थे मेरी उल्टी सीधी हरकतों से भी हर दम परेशान रहते थे अब ना जाने क्या हुआ ऐसा या बस सिर्फ मुझे लगता है पर आज कल मैं तुमसे जो भी कहूँ सुनते ही नहीं हो तुम एक साथ जो मौका मिलने पर लोगों की हसीं बनाते थे बेकार में ही थोड़ा मैं तुमसे और तुम मुझसे बुदबुदाते थे मेरी हर उदासी वाली शक़्ल पर मुझे हमेशा गुदगुदाते थे पर आज कल मैं तुमसे जो भी कहूँ सुनते ही नहीं हो तुम कहीं खोए से रहने लगे हो अपनी नींदो की फ़िक्र नहीं है मुझसे बातें तो करते हो पर हमारा ही कोई जिक्र नहीं है मुझसे कहकर तो देखो अपनी परेशानी मैं बाट लूँगी सब पर आज कल मैं तुमसे जो भी कहूँ सुनते ही नहीं हो तुम New Poetry #yqhindi #yqdidi #yqquotes #yqpoerty #yqshayari