रुख़सत हुए हो मेरी ज़िंदगी से, पर मुझसे दूर न रहना। जीते जी मैं मर जाऊँगी, कभी अलविदा न कहना। तुमसे जुड़ी हर बात मैं, अपने दिल से लगाकर रखती हूँ। तुम्हारे संग बीते हर पल को मैं, दिन रात जिया करती हूँ। देखो तुम अपनी हर बात को, सिर्फ मुझसे ही कहना। जीते जी मैं मर जाऊँगी, कभी अलविदा न कहना। कहना तो आसान बहुत है, पर दूर होना है मुश्किल। कैसे जिएंगे हम तुम बिन, ये जानता है सिर्फ मेरा दिल। देखो तुम हर बात को मेरी, दिल से लगाकर न रखना। जीते जी मैं मर जाऊँगी, कभी अलविदा न कहना। हर पल तुम्हारी याद सताती, अकेले कैसे जिये हम। आँसुओं का दरिया है बहता, इसको कैसे पिये हम। देखो तुम मेरे आँसुओं की, इस बार वजह न बनना। जीते जी मैं मर जाऊँगी, कभी अलविदा न कहना। ♥️ Challenge-565 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।