खराब कहो, शराब कहो, अब होठो से जो लगाई है। होस ना रहा, भूल गया उसे भी इस हद तक पिलाई है।। रात गयी, सवेरा हुया, एक बात जहन में आई है। भुला नही गुस्ताखी थी मेरी, याद नही वो मेरी परछाई है।। खराब कहो, शराब कहो, अब होठो से जो लगाई है। होस ना रहा, भूल गया उसे भी इस हद तक पिलाई है।। रात गयी, सवेरा हुया, एक बात जहन में आई है। भुला नही गुस्ताखी थी मेरी, याद नही वो मेरी परछाई है।। #yourquote #poetry #stories #quoteoftheday #wordsofwisdom