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उसकी आँखों में ऐसे कुछ पिघलता है जैसे पानी भी बह

उसकी आँखों में 
ऐसे कुछ पिघलता है
जैसे पानी भी 
बहने के लिए मचलता है
दिल में क्या है 
किसी को ख़बर ही नहीं
होकर मायूस मेरी परछाई 
मेरे संग-संग चली

माना ज़िदंगी में 
एहतियात बहुत जरूरी है
हदों को पार करने की 
क्या मजबूरी है
उसने मुझमें 
इतनी कमियाँ गिना दी
पूरे इत्मीनान से 
फिर संग मेरे वो दिन-रात जली...
© abhishek trehan








 ♥️ Challenge-583 #collabwithकोराकाग़ज़ 

♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) 

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उसकी आँखों में 
ऐसे कुछ पिघलता है
जैसे पानी भी 
बहने के लिए मचलता है
दिल में क्या है 
किसी को ख़बर ही नहीं
होकर मायूस मेरी परछाई 
मेरे संग-संग चली

माना ज़िदंगी में 
एहतियात बहुत जरूरी है
हदों को पार करने की 
क्या मजबूरी है
उसने मुझमें 
इतनी कमियाँ गिना दी
पूरे इत्मीनान से 
फिर संग मेरे वो दिन-रात जली...
© abhishek trehan








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