ये जहर पिया जाय कैसे वेवक्त ही सही याद तो तेरी हर वक्त है मुझे, तेरे यादों के सहारे जिया जाए कैसे। मोहब्बत में इतनी तकलीफे भी होती है,फिर इसे किया जाय कैसे। अनजान था इस दर्द से कोई परवाह न था जिंदगी में, अब बिना इस दर्द के जिया जाए कैसे। मेरे ख्वाबों के परिंदे तेरे इश्क में कैद हुए अब तु ही बता दे उसे आजाद किया जाए कैसे। ©neeraj rai #१४३ #8LinePoetry