"प्रेम" अद्भुत होता है, यह स्मरण हो आता है.... की "प्रेम से मिला, प्रेममय हो गया, जग से विरह और प्रीतम से मोह हो गया" अनुशीर्षक में पढ़े!! "प्रेम" अद्भुत होता है, निर्जीव मेें प्राण डालने की अद्भुत शक्ति होती है इसमे ओर यही प्रेम कभी-कभी प्राण विहीन कर देता है। साधारण होते हुए भी असाधारण है प्रेम ओर प्रेम ही वो गुरु जो सब कुछ सिखाता है.. यह स्मरण हो आता है.... की