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सन क्लब का समय 9 वर्ष का आगमन हो चुका है उसकी सुबह

सन क्लब का समय 9 वर्ष का आगमन हो चुका है उसकी सुबह एक नया संदेश देकर गई कि प्रत्येक परिवर्तन कुछ ना कुछ तो सकारात्मक को समहिता किए हुए होता है वैसे तो प्रत्येक सुबह एक नया संदेश लेकर आती है जो इस संदेश के लिए दर्द का अभ्यास कर लेता है उसका जीवन उल्लासा से भर जाता है उसे एक नई ऊर्जा प्राप्त होती है यह ऊर्जा उसे श्रेष्ठ कार्य को संपादित करने की प्रेरणा देती है सुबह इसलिए विशेष है क्योंकि यह कहने स्त्रियों से संघर्ष कर जग को आलोकित करती है सुबह के सौंदर्य का अधिष्ठान तमीर द्वारा प्राप्त मैदान से विजय कागती है जब से मानव पृथ्वी पर जन्मा है उसे सदैव सुबह आकर्षित करती रही है वह सुबह के लिए प्रतिरक्षा रहता है और सुबह में गहन अब तो नव वर्ष 1 दिन व्यतीत भी हो गया है यहां 1 दिन आत्म विश्लेषण का भी पड़ाव है कि नववर्ष को लेकर हमारे जो संत लव लिए थे पहले दिन उनकी क्या स्थिति रही हम बीते वर्ष को कष्ट और को भूलकर नए वर्ष के संगत को स्वीकार करते हैं जिसमें संख्या भी वर्षभर सकारात्मक ऊर्जा देते हैं इसी ऊर्जा के साथ व्यक्ति अपने दिन महीने और पुलिस वालों को अंतिम करने में व्यतीत कर देता है यदि आप के संकुल अपने लिए हो तो अभी भी इन्हें पर विचार कर सकते हैं यदि कुछ बड़ा ना करें तो कम से कम अपनी दिन आचार्य में सुधार लाकर ही जीवन को सही दिशा दी जा सकती है इसके लिए बहू मूरत में जागरण का संकल्प लेना होगा यह सब हमें ऊर्जा आरोग्य यश और वैभव प्रदान करेगा सुबह जितनी सुंदर होगी पूरा दिन उतना ही बेहतर होगा हमारी सुबह ही हमारे पूरे दिन का प्रत्येक नहीं सुबह हमारा पूरा वर्ष में सेट बना सकती है हम हर सुबह स्वयं द्वारा किए गए संकल्प को दोहराना चाहिए यही सम्मेलन हमारे लिए संकल्प कडेल रहने के लिए प्रेरित करता है यदि यह संकल्प पूरा हो जाए तो फिर जीवन में हमारे लिए कुछ भी असंभव नहीं रह जाता

©Ek villain #Sanklap
सन क्लब का समय 9 वर्ष का आगमन हो चुका है उसकी सुबह एक नया संदेश देकर गई कि प्रत्येक परिवर्तन कुछ ना कुछ तो सकारात्मक को समहिता किए हुए होता है वैसे तो प्रत्येक सुबह एक नया संदेश लेकर आती है जो इस संदेश के लिए दर्द का अभ्यास कर लेता है उसका जीवन उल्लासा से भर जाता है उसे एक नई ऊर्जा प्राप्त होती है यह ऊर्जा उसे श्रेष्ठ कार्य को संपादित करने की प्रेरणा देती है सुबह इसलिए विशेष है क्योंकि यह कहने स्त्रियों से संघर्ष कर जग को आलोकित करती है सुबह के सौंदर्य का अधिष्ठान तमीर द्वारा प्राप्त मैदान से विजय कागती है जब से मानव पृथ्वी पर जन्मा है उसे सदैव सुबह आकर्षित करती रही है वह सुबह के लिए प्रतिरक्षा रहता है और सुबह में गहन अब तो नव वर्ष 1 दिन व्यतीत भी हो गया है यहां 1 दिन आत्म विश्लेषण का भी पड़ाव है कि नववर्ष को लेकर हमारे जो संत लव लिए थे पहले दिन उनकी क्या स्थिति रही हम बीते वर्ष को कष्ट और को भूलकर नए वर्ष के संगत को स्वीकार करते हैं जिसमें संख्या भी वर्षभर सकारात्मक ऊर्जा देते हैं इसी ऊर्जा के साथ व्यक्ति अपने दिन महीने और पुलिस वालों को अंतिम करने में व्यतीत कर देता है यदि आप के संकुल अपने लिए हो तो अभी भी इन्हें पर विचार कर सकते हैं यदि कुछ बड़ा ना करें तो कम से कम अपनी दिन आचार्य में सुधार लाकर ही जीवन को सही दिशा दी जा सकती है इसके लिए बहू मूरत में जागरण का संकल्प लेना होगा यह सब हमें ऊर्जा आरोग्य यश और वैभव प्रदान करेगा सुबह जितनी सुंदर होगी पूरा दिन उतना ही बेहतर होगा हमारी सुबह ही हमारे पूरे दिन का प्रत्येक नहीं सुबह हमारा पूरा वर्ष में सेट बना सकती है हम हर सुबह स्वयं द्वारा किए गए संकल्प को दोहराना चाहिए यही सम्मेलन हमारे लिए संकल्प कडेल रहने के लिए प्रेरित करता है यदि यह संकल्प पूरा हो जाए तो फिर जीवन में हमारे लिए कुछ भी असंभव नहीं रह जाता

©Ek villain #Sanklap
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