घर बेङियों सा प्रतीत होता घर😳 तो चिंतन तुम एक बार करो सरहद पर बैठे फौजी के उन आंखों की चित्कार सुनो प्यासी है,बस आँखें जिनकी घर-परिवार के दीदार को पिता की छाया, बहन के झगङे माँ के आँचल के प्यार को भाग्यवान हो,घर पर हो परिवार एक छत आई है वरना तर्पन को,माँ के चरणों में फौजी ने,सीने गोली खाई है -विश्व रंजन #घर_पर_रहो