अपने थे पर अपनों के पास नहीं ये गलत है पर वो इसके साथ भी नहीं ! जो ये समा बना है हवाओं का फिज़ाओं का बेशक़ इसमें पहले सा वो मिज़ाज नहीं ! जब लौटे हो घर तो रहना यहां बाहर ज़ेहर (कोरोना) का वो एहसास ही सही !! - ईशांत #corona_time #khuda_help_us