उफ़क़ के सीने पर लिखी टीस ना रात थी ना दिन बस एक ख़लिश थी जो अक्सर साँसों को आग करती थी और जेहन पर पसर जाती जो रंग रूह को नूर करते थे ना जाने कब पराये हो गए #tassavuf #mera_aks_paraya_tha #hindinama #ufaq #मेरा_अक्स_पराया_था #उफ़क