#OpenPoetry अपनी बिखरी हुई जिंदगी मे और बाध ले आये हम उस की याद मे तरप तरप के न जी रहे है न मर रहे है उसकी याद में जिसको मानते थे हम सब कुछ अपना उसने ही मेरा दिल तोड दिया उसने तो मेरी ओर से अपना मुह ही मोद लिया उसने मुस्क़िल वक्त मे मेर साथ छोड दिया न जाने क्यों उसने काच समझकर मेर दिल तोड दिया #OpenPoetry