कदम बढ़ते ही रुक गए अजी ये क्या आप झुक गए दो दो कदम पर थक जाते हैं वक्त से पहले ही क्यो टूट गए ये क्या आप तो खिलने से पहले ही सूख गए मिट्टी लीजिये गीला कीजिये एक घरौंदा फिर से बनाइये थोड़ी उम्मीद थोड़ा विश्वास थोड़ा उत्साह थोड़ा थोड़ा करके हर चीज़ मिलाइए नई नई ख़्वाहिशो के साथ एक नई दुनिया आइये बैठिए एक पल मेरे साथ मैं यूँ ही नही बक बक किये जाता हूं मैं तुम्हे यूँ ही नही समझाता पूछते हो मैं कौन हूँ ? मैं तुम हूँ ✍️रिंकी #हमारीज़िन्दगी #यकदीदी #यकबाबा #यकडीडी #यकबाबा