दर्द भी तुम हो और दवा भी तुम हो मेरे इस दिल का रहनुमा भी तुम हो ख़्वाब तुम से, मेरी यह नींद तुम से मेरी आंखों में सजी ’तस्वीर’ तुम हो एहसास का एक अनोखा ’विश्वाश’ इन सांसों में बसा एक राज़ हो तुम सादगी सी सुंदरता, ’गुलाब’ हो तुम अनमोल कोहिनूर, यूं खास हो तुम ♥️ Challenge-901 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।