बेबसी समाज का कड़वा सच प्रदर्शित करती एक सच्ची कहानी #NojotoQuote बेबसी इतने दिनों से कहाँ थे? मैंने थोड़ा सख्त लहजे में डाँटते हुए पूछा... वह चुप-चाप नजरें झुकाए मौन खड़ा था. आर्यन ,कुछ पूछ रही हूँ तुमसे? तुम्हें पता भी है,जबसे स्कूल खुले है,तबसे कुल 12 हाजिरी हैं तुम्हारी! (मेरा लहजा कुछ और सख्त हो चला था) महज 11-12 साल का आर्यन एकदम मौन साधे खड़ा था. अच्छा एक बात बताओ,क्या तुम्हारा पढने को मन करता है? हाँ, उसने स्वकृति में सिर हिलाया. तो फिर बेटा स्कूल क्यों नहीं आते! (मैंने थोड़ा -सा नरम पड़ते हुए कहा)