दृढ शरीर कीयो हृदय विशाला हस्त लीज़ो गदा भृकुटि विकराला सिया पुत्र बनि सब लंका जलायो लखन जियावे संजीवनी संग लायो रघुवर राम भक़्त महान हे बजरंगी तुमको निसदिन ध्यावैं दीनदयाला दृढ शरीर कीयो हृदय विशाला हस्त लीजों गदा भृकुटि विकराला