दिल की बातें बतानी है पर इस कमरे में कैसे बताये क्योंकि दीवारों के भी है कान चलो ना हम जाते है किसी पर्वत-पहाडों पर क्योंकि आजकल वही है सुनसान तुम्हें इज़हार-ए-उल्फत तो कर सकती हूँ मैं सरेआम, पर कही लग ना जाए बुरी नजरें लोगों की और ना हो जाओ तुम मुझसे जुदा बस इसी बात से हो जाती हूँ मैं हैरान हम दोनों के रब्त को दुनिया से छिपा रही हूँ मैं क्योंकि मुझे डर लगता तुम्हें खोने से क्योंकि तुम्हारे बिन अधूरी है ज़ीस्त और तुम ही तो हो मेरे दिल की धड़कन और जान ले चलो मुझे उस ऊँचाई पर जहाँ सिर्फ रहे हम दोनों और वो खुला आसमां ताकि कर सकूं वो बहती हवाओं के बीच बाहें फैला कर तुमसे इश्क़ का ऐलान कैसे खो सकती हूँ तुम्हें क्योंकि मिले हो तुम मुझे बन परवरदिगार का खुबसूरत तोहफा, ऐ मेरे खालिक़ तूने मिलाकर मुझे मेरे राह-रौ से किया है मुझ पर बहुत बड़ा एहसान Hichaki hichaki hichaki😂 Thanks Sehmat 💝 inna yaad karne ke liye🤗❤🍫🍫💐 ♥️ आइए लिखते हैं #मुहावरेवालीरचना_195 👉 दीवारों के कान होना मुहावरे का अर्थ --- किसी गोपनीय बात के प्रकट हो जाने का खतरा। ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :)