लोग कहते है बहुत जिंदादिल हूं मैं लेकिन जिंदादिली के पीछे का दर्द नही दिखता लोग कहते है मुझे फर्क नहीं पड़ता लेकिन मेरे तन्हा रह जाना नही दिखता। लोग कहते है बहुत मजबूत हूं मैं लेकिन मेरे अंदर का टूटा अक्स नही दिखता। लोग कहते है बड़ी खुशनसीब हूं मैं लेकिन मेरे खुशनसीबी की कीमत नही दिखती। लोग कहते है बहुत आत्मनिर्भर हूं मैं लेकिन मेरे रास्ते के कांटे नही दिखते। औरत होना क्या मेरा गुनाह है जो लोग रौंद जाते मेरे ख्वाइशो को। कोई खिलौना तो नही मैं,जो दर्द नही होगा, इंसान हूं हाड़ मांस की, गुड़िया नही। जो मुझको फर्क नहीं पड़ेगा। #हाड़ मास