#5LinePoetry उम्मीद का दामन पकड़े रहो अभी भी मन मेंउम्मीद बाकी है जब उम्मीद का सूरज निकलेगा सारा गुल और गुलिस्ता महकेगा सही सारथी जब मिल जायेगा इस चमन को खुशियों से महकाएगा अपनी अपनी पतवार संभालो किनारा अपनेआप मिल जायेगा तभी सारा देश खुशहाल हो पायेगा अभी भी थोड़ी देर ही बाकी है उम्मीद का दामन पकड़े रहो अभी भी मन में उम्मीद बाकी हैं ©Chandrawati Murlidhar Sharma मन में उम्मीद#कविता #5LinePoetry #nojotopoitry