ये मेरा देश है इसमें सब सही है हिंदू-मुस्लिम की सियासतें,, शब्दों का व्यापार मेरे देश मैं ही कही है.. जड़े मजबूत है..राजनेताओं की यहीं पे,,मेरा देश आज़ाद नहीं है,, जो बोलें हैं "इंकलाब" उन्हें डालना है जेल में.. सियासतो ने पूरे देश को बेच डाला खेल-खेल में,, बचा नहीं है अब कुछ भी अब..जो बचा है उनका ही है ग़रीब के हाथ में आया है!,,शुन्य ,, किसान के हाथ में आया है!कर्ज़,, विकास की नीव विकास पे..अभी! उधार है,, ©Ditikraj"दुष्यंत"...! ये मेरा देश है इसमें सब सही है हिंदू-मुस्लिम की सियासतें,, शब्दों का व्यापार मेरे देश मैं ही कही है.. जड़े मजबूत है..राजनेताओं की यहीं पे,,मेरा देश आज़ाद नहीं है,, जो बोलें हैं "इंकलाब" उन्हें डालना है जेल में.. सियासतो ने पूरे देश को बेच डाला खेल-खेल में,, बचा नहीं है अब कुछ भी अब..जो बचा है उनका ही है ग़रीब के हाथ में आया है!,,शुन्य ,,