थोड़ी सी हिम्मत करता हूं पर जाने क्यूं तुझसे डरता हूं.! दो कदम चलकर तीन कदम वापस लौटने लगता हूं.! रोकना तो चाहता हूं तुम्हें किसी के नजदीक जाने से.! बुलाऊं अपने पास तुम्हें कुछ कहकर किसी बहाने से.! मगर हमें तुम्हारी हंसी और मुस्कान दोनो कि फिक्र है.! कहीं रूक न जाए चहकती हंसी मेरे गुस्ताखी दिखाने से! तुम रंग की प्रकाश हो खिलते फूलों में रंग खिलाती हो.! मैं सतरंगा चित्रकार हूं सिर्फ तुम्हारी तस्वीर बनाता हूं! फुर्सत मिले तो झांकने आना मेरे ख्वाबों के गलियारे में! तस्वीरों का शहर है तुम्हारा घूमने तो आओ दिखाता हूं!! ....@jay Chauhan. #love #crus