Nojoto: Largest Storytelling Platform

हैं बड़े ऐशोअराम, हम सभी की जिंदगी में। मस्त देखो स

हैं बड़े ऐशोअराम, हम सभी की जिंदगी में।
मस्त देखो सो रहे हम, तानकर कम्बल रज़ाई।

सो रहे कैसे भला तुम, देश के मेरे जवानो।
बर्फ़ ही बिस्तर बनाकर बर्फ की ओढ़ी रज़ाई।

तुम जगे जब सरहदों पर, हम सभी सोए यहाँ पर।
देश रोया है अगर तो, तुम सभी रोए वहाँ पर।

तुम हमें निश्चिन्त करते, हो सही रक्षक हमारे।
वो सभी डरते तुम्हीं से, जो सभी भक्षक हमारे।

देश की सीमा सुरक्षित, तुम खड़े हो हर तरफ से,
तुम नहीं डरते किसी से, हो नदी पर्वत बरफ से।

जब कभी हालात बिगड़े तुम खड़े रहते हमेशा।
हो जटिल जितनी समस्या सब तुम्हीं सहते हमेशा।

अनगिनत बलिदान देकर, देश का सम्मान बनकर।
तुम खड़े स्तम्भ जैसे, देश की पहचान बनकर।

बाजुओं की दम तुम्हारी, दुश्मनों को भी पता है।
देख ली कश्मीर में, आतंक बिल्कुल लापता है।

जो गलत नज़रे घुमाता, आँख उसकी फोड़ देते।
शत्रु जो ऊँगली उठाता , उँगलियों को तोड़ देते।

भारती कर तिलक तुम, हो सदा माथे बिठाते।
लिख सके जो ना कलम, दर्द ऐसे तुम उठाते।

हो तुम्हीं हीरो हमारे, हम तुम्हीं को मानते हैं।
देश की सेवा करे जो, बस उसे पहचानते हैं।

कौन हैं वो ये बताओ हैसियत रखते भला क्या।
नाचते हैं टीवियों पर, हम न उनको जानते हैं।

देश भी मानें तुम्हें ही, हम यही फ़रियाद करते।
फूल कर तुमको समर्पित, आज फिरसे याद करते।

©सूर्यप्रताप सिंह चौहान (स्वतंत्र) #थल_सेना_दिवस 
#कविता_संगम

#IndiaLoveNojoto
हैं बड़े ऐशोअराम, हम सभी की जिंदगी में।
मस्त देखो सो रहे हम, तानकर कम्बल रज़ाई।

सो रहे कैसे भला तुम, देश के मेरे जवानो।
बर्फ़ ही बिस्तर बनाकर बर्फ की ओढ़ी रज़ाई।

तुम जगे जब सरहदों पर, हम सभी सोए यहाँ पर।
देश रोया है अगर तो, तुम सभी रोए वहाँ पर।

तुम हमें निश्चिन्त करते, हो सही रक्षक हमारे।
वो सभी डरते तुम्हीं से, जो सभी भक्षक हमारे।

देश की सीमा सुरक्षित, तुम खड़े हो हर तरफ से,
तुम नहीं डरते किसी से, हो नदी पर्वत बरफ से।

जब कभी हालात बिगड़े तुम खड़े रहते हमेशा।
हो जटिल जितनी समस्या सब तुम्हीं सहते हमेशा।

अनगिनत बलिदान देकर, देश का सम्मान बनकर।
तुम खड़े स्तम्भ जैसे, देश की पहचान बनकर।

बाजुओं की दम तुम्हारी, दुश्मनों को भी पता है।
देख ली कश्मीर में, आतंक बिल्कुल लापता है।

जो गलत नज़रे घुमाता, आँख उसकी फोड़ देते।
शत्रु जो ऊँगली उठाता , उँगलियों को तोड़ देते।

भारती कर तिलक तुम, हो सदा माथे बिठाते।
लिख सके जो ना कलम, दर्द ऐसे तुम उठाते।

हो तुम्हीं हीरो हमारे, हम तुम्हीं को मानते हैं।
देश की सेवा करे जो, बस उसे पहचानते हैं।

कौन हैं वो ये बताओ हैसियत रखते भला क्या।
नाचते हैं टीवियों पर, हम न उनको जानते हैं।

देश भी मानें तुम्हें ही, हम यही फ़रियाद करते।
फूल कर तुमको समर्पित, आज फिरसे याद करते।

©सूर्यप्रताप सिंह चौहान (स्वतंत्र) #थल_सेना_दिवस 
#कविता_संगम

#IndiaLoveNojoto