ऐ मेरे दोस्त मेरे भाई मेरे परदेसी, आओ घर लौट चलो गाँव बुलाता है तुम्हें !! हाँ वही गाँव जहाँ कच्चे मकाँ की खुश्बू, आँख खुलते ही जहाँ आये अज़ाँ की खुश्बू ! खौफ़ अब्बू का जहाँ रात को सोने ही ना दे, फिर भी चुपके से सुला देती है माँ की खुश्बू ! जिसका एहसास यहाँ अब भी जगाता है तुम्हे आओ घर लौट चलो गाँव बुलाता है तुम्हें !! कोई मासूम से एहसास लिए बैठा है, कोई बरसों से तेरी आस लिए बैठा है ! तेरी चाहत भरी बस एक छुअन पाने को, कोई मुद्द्त से तेरी प्यास लिए बैठा है !! जिसका चेहरा यहाँ भी ख्वाब में आता है तुम्हे ! आओ घर लौट चलो गाँव बुलाता है तुम्हें !! आते जाते हुए मौसम से भला क्या मतलब, माँ को दुनिया के किसी ग़म से भला क्या मतलब ! जिसका दिल सात समंदर के इधर बैठा हो उसको डॉलर से या दिरहम से भला क्या मतलब !! क्या ये एहसास कभी याद भी आता है तुम्हे ! आओ घर लौट चलो,गाँव बुलाता है तुम्हें !! यहाँ क़ालीन के मख़मल के सिवा कुछ भी नहीं, रोज़ तन्हाई के दल दल के सिवा कुछ भी नहीं ! मेरे टूटे हुए छप्पर ने कहा था मुझसे वहाँ सीमेंट के जंगल के सिवा कुछ भी नहीं !! ऐसे जंगल में कोई दर तो सताता है तुम्हे ! आओ घर लौट चलो गाँव बुलाता है तुम्हें !! ऐ मेरे दोस्त मेरे भाई मेरे परदेसी!!!Ãs #NojotoQuote Han laot aaya hun mai Apne Gaon