अधजल गगरी छलकत जाए... भरी गगरी भी फीस दबाये... काला अक्षर भैंस बराबर.. मिनिस्टर बन गया भैंस का बछड़ा घूस-फूस का चारा खाकर अक्ल बड़ी कि भैंस रे भैया अक्ल बड़ी क भैस.... अक्ल बड़ी न भैंस रे भैया होना चाहिए कैश.... अब पछताये होत क्या जब चिड़िया चुग गयी खेत चिड़िया को तो जेल हो गयी अब भी बंजर पड़े है खेत........ खाते जाए आम सभी पेड़ कौन अब गिनवाये... गुठलिया सब चूस चूस कर स्विस बैंक में पेड़ लगाए.... पेड़ बचे हो तो गिनती हो जो उगाये सो काले पड़ जाए... अँधेरे घर का उजाला अब रात में ऐसे चिल्लाये .. चिकन डिनर चिकन डिनर खाके देश को सेहतमंद बनाये.. उल्टा चोर कोतवाल को डांटे... कोतवाल जब चालान काटे... चालान रोककर चोर ये बोले... तेरे मालिक मेरे यहाँ चाय पीने आते... आये की ख़ुशी अब ना गए का गम ... अंगूठे से ही नाप देंगे सारी दुनिया हम... अपनी-अपनी ढपली अपना-अपना राग.. विकास के इस गुना बढ़त में लगता जाए भाग... ढपली भी सयानी हो गयी बेच रही है राग.. आँख का अन्धा नाम नैनसुख... नैनसुख लकड़ी का हथौड़ा लेकर आम जनता के बढाता जाए दुःख.. चिकने घड़े पर पानी नहीं ठहरता... कोई पढ़के भी सुधार नहीं करता.... जोक्स सब शेयर है करते अपने हालात कोई शेयर नहीं करता.. #hindikahawat #poetry #indianstatus #follow #share #haalaat #youth#me#callofduty