तमाम बंदिशों को नकार देता है मन की रफ्तार बड़ी तेज़ है, ये तो एक जगह बैठेकर जाने कहाँ कहाँ पहुँच जाता है, कभी आकांक्षाओं के सुदुर आकाश की ऊँचाईयों तक तो कभी किसी बात पर चिंतन सागर से भी गहरा होता है, इशारों पर नचाता है मन बेख्याली में भी किसी ख्याल से मिलता है मन,जितना भी जतन कर लो खुद को संभाल नहीं पाओगे .... हम अपने मन के कैदी है। हर व्यक्ति अपने मन का क़ैदी है। #मनकेक़ैदी #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi