अकेला हु... हु मैं भी इस संसार मे, भीड़ भाड़ वाले इंसानो के बाजार में, जहा ना कोई कदर है किसी की, जहा ना कोई फिक्र है किसी की, अकेला ही खड़ा हु मैं कातिब मझधार में । नहीं किसी से कोई शिकायते, नाही कोई रुसवाई है, नहीं किसी से कोई मोहब्बते, नाही कोई इश्तियाक है, अकेला ही खड़ा हु मैं ना कोई इल्तिफ़ात है । नहीं है कोई सपने मेरे, नहीं है कोई अपने, नहीं है कोई इल्जाम किसी को, नहीं है कोई उम्मीद किसी से, अकेला ही खड़ा हूँ मैं ना कोई एहसास है । ना ही कोई रंग है मेरा, ना कोई बुद है मेरा, ना ही अहंकार है, ना पर्दा कोई, ना बद सीरत बे जार है, अकेला ही खड़ा हूँ मैं ना कुछ बेकार है । ...✍🏻रूपेश थुल अकेला हु... #rupesh_thool #nojoto #love_story #alone #my_story #first_love