क्या किया जाए..... क्या किया जाए..... रोने के लिए, शब-ए-गम है, क्या किया जाए! वक्त आज भी बरहम है, क्या किया जाए! मिलने को मिला करती हैं, यूँ तो हजारों नज़रें, किसी नज़र में ना तेरा दम है, क्या किया जाए! एक पल के लिए भी नहीं मुड़ता,चाहे लाखों दो आवाज़ें, बड़ा संगदिल मेरा सनम है, क्या किया जाए!