पूरा होता ये अधूरा सा ख़्वाब हमारा, यूं ही टूट जाएगा क्या ये नयाब सपना हमारा, हसीन हो जाए ये मुखालिफ माहौल भी इन ख़्वाबों के जहां में जाकर, क्यूंकि असल ज़िन्दगी के तो चर्चो में ही बहुत तकलीफ़ है, जल रही है सबकी मुस्कुराहटें उनके हंसी के नकाब के पीछे, अब तो हर चेहरे पर बस झूठी ही खुशी है।। क्यों नहीं क्या आपके पास कोई जवाब है? #क्योंनहीं #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #mukhalif #nakab