कैसे लिखूँ मैं अपनी मौत का मंज़र, कि कैसा लगता है...? सुनकर सब कुछ कहीं ये, ज़रा बचकाना-सा लगता है...!! अल्फ़ाज़ अपनी मौत के लिए चुनना, इक अफसाना सा लगता है... अपनी ही मौत की बात करना, अब कुछ बेगाना सा लगता है...!! #NojotoQuote Rj Prashant #feel_the_word