रंगों की दुनिया है,मै ही सुफैद हूँ, आसमान को ढकेल के उडना मैने सिखा था, मैं ही वो बेबस पंछी जो पिंजर मे कैद हूँ, कभी महकशी ना चखी,कभी साँसों से धुआं ना उठा, कभी खाँसी ना उठी,कभी दिल भी ना दुखा, फिर कैसे हुई यह चीर काट दिल में, कैसा यह,कब यह,क्यों यह इश्क रोग लागा? क्या खूब खेला कातिल ने, मरा भी नहीं,टूटे दिल को समेटे हुए भी है एक धागा, सोचता हूँ व्यपार कैसे चलता है मेरा इस शहर में? मै ही बदनाम इश्क रोगी हूँ,मै ही इस शहर का मशहूर वैद्य हूँ, मै ही वो बेबस पंछी जो पिंजर मे कैद हूँ ।। #cage #captive #yqbaba #life #love #shayari #hindi #yqdidi