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ज़हर रिस रहा है जिसके रंगों से जिंदगी तस्वीर ही क

ज़हर रिस रहा है जिसके रंगों से 
जिंदगी तस्वीर ही कुछ ऐसी है 

ढल गए साये भी तुम से क्या गिला 
शाम की तासीर ही कुछ ऐसी है 

तू मेरा साथी था बस उजालों का
 तू अंधेरों तक कहां रुकती यहाँ
 मैं मुसाफिर काली स्याह रात का 
मंजिले राहगीर ही कुछ ऐसी है

प्रीत लक्खी #alone 
#preet_lakhi 
#Nojoto 
#nojotohindi 
#SAD 
#Poetry 
#ishq
ज़हर रिस रहा है जिसके रंगों से 
जिंदगी तस्वीर ही कुछ ऐसी है 

ढल गए साये भी तुम से क्या गिला 
शाम की तासीर ही कुछ ऐसी है 

तू मेरा साथी था बस उजालों का
 तू अंधेरों तक कहां रुकती यहाँ
 मैं मुसाफिर काली स्याह रात का 
मंजिले राहगीर ही कुछ ऐसी है

प्रीत लक्खी #alone 
#preet_lakhi 
#Nojoto 
#nojotohindi 
#SAD 
#Poetry 
#ishq
preetlakhi6221

Preet Lakhi

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