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क्या लिखूँ कभी लिखते-लिखते रुक ज

क्या लिखूँ कभी लिखते-लिखते रुक जाता हू 
तो कभी सोचते-सोचते थक जाता हू 
पर मां बाप का प्यार
शब्दों में बया नही कर पाता 
 क्योंकी 
शब्दों में इतनी ताकत नहीं
जो मां–बाप के प्यार को
बया कर सकें !

©– Muku2001
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