सुबह सवेरे घर आंगन में घूम रहा था, बादलों की घनघोर घटा देख मन झूम रहा था, आज तो बारिश आएगी , इस धरा को नहलाएगी, बादलों की गड़गड़ाहट और चमकती बिजली व्याकुलता और रही बढ़ा , आज तो बारिश आएगी, आज तो बारिश आएगी.... कर रहा था में इंतज़ार उस रिमझिम बारिश का, मंद मंद ठंडी हवाएं, मन की आस और बढ़ी, कुछ बूंदें गिरने का अहसास हुआ, इस अहसास पर मन ओर झूम उठा, आज तो बारिश आएगी, आज तो बारिश आएगी.... मेरे मन के विचारो में , तभी आयी एक अलग आवाज, "हे मानव आज ना कर तू मेरा इंतज़ार , आज ना बरसू मै यहां ", मैं चला इस बहती हवा में किसी ओर जहां.... यह सुन मायूस हो गया मेरा मन ओर बोल उठा... आज तो बारिश आएगी, आज तो बारिश आएगी.... #अंशु