गीले शिकवे हजार रहेंगे लब पे क्रोध अपार होंगे नैन में प्रेम मगर नजर में तकरार भी होंगे निकाल जज्बात मुझपे हाँ दो चार थप्पड़ भी मार देना मुझे ना मिटे क्रोध तो भूखे रख सारी रात बाहर ठहरा देना मुझे मगर कभी अलविदा ना कहना झुक जाऊंगा पांव में तुम्हारे रह जाऊंगा कई रात बिना सोए भूल से जो गलती हुई होगी मुझसे उसके लिए हर सजा भी स्वीकार लूंगा मैं मगर कभी अलविदा ना कहना ♥️ Challenge-565 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।