काश!..जिंदगी में फिर से , वो पहले जैसा दौर चला आए, फिर से बचपन गलियों में बेखौफ खिलखिलाए और मुस्कुराए। #amरोज़ी_संबरीया कृपया अनुशीर्षक पूर्ण पढ़ें। √आज का विषय है ' काश ' । √ आज के हमारे ' मंच प्रमुख ' है Vishaal Shashwat... जी। √ आपको अपनी रचना दो पंक्तियों में लिखनी है।