हे प्रिये।। तेरे गजरे का फूल प्रिये, मत जाना मुझको भूल प्रिये। ढाई आखर प्रेम का पढ़ ले, क्यूँ जाती तू स्कूल प्रिये। काला अक्षर किस काम का तेरे, हो प्यार में तू मशगूल प्रिये। मैं पानी, तू चीनी बन जा, आकर मुझमे तू घुल प्रिये। में न्यूटन का बनूँ एनर्जी, तू बन जा यूनिट जूल प्रिये। प्यार का इंजन तू बन जा, मैं बन जाऊं तेरा टूल प्रिये। नज़र किसी की उठे कभी तो, दे दूंगा उसको हूल प्रिये। तू लगती है माधुरी मेरी, मुझको बना मकबूल प्रिये। मेरी बांहों का बना के झूला, आ तू इसमें झूल प्रिये। मां बापू भेजूं जो बोले, है अच्छा अपना कूल प्रिये। भाव न खा जल्दी आजा, लाइफ रहेगी कूल प्रिये। ©रजनीश "स्वछंद" हे प्रिये।। तेरे गजरे का फूल प्रिये, मत जाना मुझको भूल प्रिये। ढाई आखर प्रेम का पढ़ ले, क्यूँ जाती तू स्कूल प्रिये।