अकेला पाता हूँ खुद को, जब भीड़ में होकर भी,खुद को गुमशुदा पाता हुँ। अकेला पाता हूँ खुद को, जब चेहरेपे हसी मगर,दिल को रोता हुआ पाता हुँ। अकेला पाता हूँ खुद को, जब केहना तो बहोत कुछ है, मगर उस इंसान को खुद से दूर पता हुँ। अकेला पता हुन खुद को, जब दुनिया से जीत कर खुधिसे हारा हुआ पाता हुँ। अकेला पाता हुँ खुद को, जब पराए तो पराए, मगर अपनो को भी मुझसे दुर पाता हुँ। #NojotoQuote #akela pata hun khud ko #अकेला पाता हुँ खुद को #hindinojoto #nojoto #akela #life #kavishala #love #hardlife #mujaheedtajuddinjamadar #poetry #hindipoetry