पुराने घर के आँगन से बच्चो की किलकारियां सुनाई देती थी,नए घर में वो किलकारियां इमारतों के तले कहीं दब गईं। सुनाई देती हैं तो अब बस, धीमी हवायें गुमनाम सन्नाटे में मिली हुई।। Mera pyara ghar