अपनी हंसी में छुपाए थे उसने , दर्द हज़ार पीठ पीछे करते रहे लोग, कितने ही वार गिरता था वो , पर उठ के चलता हर बार निडर जो था , माना नहीं कभी हार । तो कैसे? किसने? यह बात मान ली ! कि उसने खुद , अपनी ही जान ली ? सब जानते हैं , सच क्या है ! पर क्या करें, रुपयों का मोल बड़ा है! नहीं कर सकते हम, उसके कातिलों को माफ़ लड़ना होगा, ताकि मिल सके उसको इंसाफ । I wrote this poem for Sushant ....miss him badly ...hope we will get justice #wemissyousushant #loveyousushant❤ #loveyousushant #CBIenquiryForSushantSinghRajput #cbiforsushant #justiceforsushantsinghrajput #juaticeforssr #MissYouSSR #PleaseComeBack #warriorsforssr🙏