पद्मा..🌹 #googleimage #किरदार_ए_ज़िन्दगी #किन्नर कोई उनको न जाने क्यों अच्छा न समझता था , पर वे जब कभी भी टकराती , मुझे बड़ी भाती थी ,मैं बस उनके माथे की पच्चीस पैसे वाले आकार की लाल बिंदी देखकर निहारती रहती। भूले भटके पतली पतली गलियों में जब भी मिलती ,एक बार फिर पीछे मुड़कर जरूर देखकर मुस्कुरा देती ,और वो भी जोर से हंस पड़ती.. पता नहीं क्या इत्तिफाक था कि दीवाली, होली के आसपास जरूर मिलती और मेरे सिर पर हाथ फेर कर खूब आर्शिवाद देती ...और एक रूपये का सिक्का भी..