एक सांझ रात में तब्दील हो गयी बड़े ज़ुल्म सहे अंधेरे के फिर सुबह हो गयी ढ़लते-ढ़लते दोपहर ने भी लंबा इंतजार कराया और फिर से सांझ आई फिर से रात हो गयी ©Dinesh Paul #Hum_Tumएक सांझ रात में तब्दील हो गयी बड़े ज़ुल्म सहे अंधेरे के फिर सुबह हो गयी ढ़लते-ढ़लते दोपहर ने भी लंबा इंतजार कराया और फिर से सांझ आई फिर से रात हो गयी Ashish kumar Kavita Mehta Nipendar dhiman Nipendar dhiman Rajkumar Bairwa