एक अजनबी मुलाकात थी वो पल दो पल की बात थी वो न दिन था न शाम थी एक अंधेरी रात थी वो न तुमने कुछ कहाँ न हमनें कुछ मानो ओठो पे रुकी कोई बात थी वो एक अजनबी हसीना से मुलाक़ात जैसे थमा सा कोई वक़्त थी वो दिख न रहा था मंजिलो का रास्ता शायद आखरी जज्बात थी वो खतम हुआ सफर दिलका शायद कोई नई शुरुआत थी वो ©Vishal #Mid_night_poet #midnightthoughts #br💔ken #poem #LO√€ #Darknight