मैं भी कवी हूँ,मैं भी पोल खोलूंगा, आपने भावनाओं मे बहा दिया सबकुछ, मै सिर्फ सच बोलूंगा, गालियों , तारिफ और तर्क के लिए कमैंट सैक्शन खुला है ।। कविता कैप्शन मे पढें ।। मैं भी कवी हूँ,मैं भी पोल खोलूंगा, आपने भावनाओं मे बहा दिया सबकुछ, मै सिर्फ सच बोलूंगा, हाँ रोटी आती है मेरे घर भी किसान की, पर उसकी कीमत नहीं तिरंगे के अपमान की, बात इतनी सी है बस, तुम्हारी बात जिद्द है देश से,