जब उसे करनी होती है, वाह-वाह हमारी नज़्म पर........ तो वो हमको ये सब बस, इशारों में बयां करता है........... अजीब ही है कमबख़्त, वो हमारा महबूब भी यारों......... सरेआम हमसे न जाने क्यों, इज़हार करने से डरता है.......... ©Poet Maddy जब उसे करनी होती है, वाह-वाह हमारी नज़्म पर........ #Wow#Poetry#Express#Gesture#Strange#Lover#Publicly#Afraid........