"खबरें" तेरे आने की खबर फिर कुछ नज़में लेके आयी है. मिज़ाज खुशनुमा सा है तरोताज़ा है, अब जो है बड़ी मीठी सी तनहाई है। नज़मों के हैं चार दौर अभी का, आने भर का फिर से जाने का. चौथा सिफ़र जैसा है वही गमसुम, स्याह मौसम खुद अपनी जग-हंसाई का। ये नज़में गुनगुनाने का तेरी कोई खबर पाने का. बुझी सी आंख में ओझल कोई तारा बुलाने का. या नाउम्मीदी की गोदी में उम्मीदें मौत से करते हमें अपना बनाने का। ये उम्मीदें भी मौतों की हमेशा काम आयी हैं. सिफ़र के बाद हरदम ये कुछेक नज़में लायी हैं. तेरे जाने के अक्सर बाद तेरी खबरें जो आयी हैं। #NaveenMahajan #veins #खबरें