इस अजब सी दुनियाँ में गज़ब के किरदार रहते हैं कुछ बेरोजगार तो कुछ हक मारकर उनका खाने वाले रहते हैं इस अजब सी दुनियाँ में सब चलता है सड़कों पे सोने वाला ठंड में ठिठुर कर मर जाता है और किसी के पास इतना है की वो सोचता है आज इस घर में रहूँ या उस घर में चलूँ इस अजब सी दुनियाँ के भी रंग निराले हैं रौशनी से डरते हैं और रातों में बेनकाब होकर सड़कों पे खुलेआम घूमते हैं इस अजब दुनियाँ के किस्से भी गज़ब होते हैं लोग जुबां से प्यार बरसा देते हैं इतना की सामने वाला खुद कत्ल होने को तैयार है हो जाता अजब गजब खेल चलता है यहाँ कोई मरता है भूखा तो कोई फेक देता है इतना की पेट भर जाए उससे जाने कितनों का अजब ही पैतरे आजमाते हैं लोग यहाँ जिसे कुछ नहीं आता वो अफसर बन बैठता है जो पढा लिखा है वो बेरोजगार घूम रहा है तभी तो है ये अजब गजब दुनियाँ ©Ankur Mishra #अजब_गज़ब_दुनियाँ #worldpostday