बिखरे पड़े हैं पन्ने, मेंरी जींदगी की किताब के, हमने ही बिखेर दिये थे, ताकि कोई पढ़ ना ले उसे, समेटना मत उन्हें, अगर समेट लीए, तो खुद भी रोओगे, और दूसरों को भी रुलाओगे। #zindagi #nitishsingh #nandukibaate #yqbaba #yqdidi