भाग-दौड़ भरी गुजर जिंदगी में मुकम्मल सुकूं-ए-सफर ढूढते हैं दो पल ही सही, ठहर जाने को इस जलते शहर में शज़र ढूढते हैं इतने मुन्तशिर हो गए बंदिशों से फितूर-ए-मयस्सर ज़हर ढूंढते है मर-मर के जीना आदत बन गई समझौतों की टूटी कबर ढूंढते हैं रोहित मिश्रा 'हीरू' ©Rohit Mishra Request to repost & like 🙏🙏🙏 #Twowords #जिंदगी #सुकून #शज़र #मुन्तशिर #बंदिश #समझौता #कबर #मयस्सर #ज़हर RAVINANDAN Tiwari