अधूरी आशिक़ी रही हमारी, पर प्यार पूरा था,, वो खो गया कहीं, शायद इकरार अधूरा था,, हम सोचते रहे, कह दे उनसे, हाल ए दिल,, फिर बुलाया उन्होंने, एक दिन उनकी महफ़िल,, महफिल में वो, किसी और के हो गए,, अधूरी आशिक़ी के, सारे अरमान खो गए,, वक्त ही मेरी आशिक़ी का लुटेरा था,, अधूरी आशिकी रही, पर प्यार पूरा था,,,, #शाश्वती_हालदार