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चलते रहे बिना रुके ऐ जिंदगी ; यूँ दौड़ते भागते ही क

चलते रहे बिना रुके ऐ जिंदगी ;
यूँ दौड़ते भागते ही कटी जिंदगी !

दिल के टांके के पैबंद ना सिल सके ;
कुछ इधर कुछ उधर से फटी जिंदगी !

साल दर साल ऐसे गुजरते चले गए ;
अचानक लगा, अब ढल गई जिंदगी !

ना जाने कितने ही छोड़कर बढ़ गए ;
इस मोड़ पर अकेली रह गई जिंदगी !

अब क्या सोचना, क्या खोया,पाया ;
अब थोड़ी सी बची रह गई ज़िन्दगी!

©V. Aaraadhyaa
  #थोड़ी सी जिंदगी Silence
vaaradhya2245

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#थोड़ी सी जिंदगी Silence #शायरी

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